जब तक जला मैं शान से। मैं सबको प्रकाश दे गया। जब तक जला मैं शान से। मैं सबको प्रकाश दे गया।
यह कविता मेरी दूसरी पुस्तक "कयामत की रात" से है जो कि एमाज़ॉन किंडल पर उपलब्ध है। यह एक सत्य घटना पर ... यह कविता मेरी दूसरी पुस्तक "कयामत की रात" से है जो कि एमाज़ॉन किंडल पर उपलब्ध है।...
क्या निशान छोड़ता आखिर वो जिसे मिट्टी में ही मिल जाना था। क्या निशान छोड़ता आखिर वो जिसे मिट्टी में ही मिल जाना था।
आज फिर जाने क्यों ढूंढने लगा खुद को तुममें, पढ़ डाला पूरा इतिहास तुममें खुद के होने आज फिर जाने क्यों ढूंढने लगा खुद को तुममें, पढ़ डाला पूरा इतिहास तुममें...
मनुष्य का अस्तित्व क्या है ? मनुष्य का अस्तित्व क्या है ?
दूसरों के ऊपर कीचड़ उछालने वाले तू भी माटी का ही बना पुतला है, दूसरों के ऊपर कीचड़ उछालने वाले तू भी माटी का ही बना पुतला है,